शादी के बाद महिलाओं की कमर क्यों हो जाती है चौड़ी ? जाने इसके पीछे के कई कारण
शादी के बाद महिलाओं की कमर के बढ़ने के कारणों पर एक विस्तृत अध्ययन। जानें शारीरिक बदलाव, मोटापे के कारण और इसके समाधान।
शादी के बाद महिलाओं की कमर क्यों हो जाती है चौड़ी ? जाने इसके पीछे के कई कारण
नई दिल्ली: शादी के बाद महिलाओं की शारीरिक बनावट में बदलाव आना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें खासकर कमर का फैलना और वजन बढ़ना शामिल है। शादी के पहले जहां महिलाएं अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में स्वतंत्रता से जीती हैं, वहीं शादी के बाद उन्हें कई नई जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ता है। यह बदलाव केवल मानसिक नहीं, बल्कि शारीरिक भी होता है।
शादी के बाद महिलाओं में वजन बढ़ने और कमर के फैलने की समस्या को लेकर कई अध्ययन किए गए हैं। एक प्रमुख अध्ययन, जिसे एथेंस में दिमित्रिस कियोरसिस ने प्रस्तुत किया, में यह बताया गया कि शादीशुदा महिलाओं का वजन अविवाहित महिलाओं की तुलना में औसतन दो गुना बढ़ जाता है।
मोटापे के कारण
सामाजिक जीवन का बदलाव: शादी के बाद अक्सर पति-पत्नी एक साथ ज्यादा समय बिताते हैं, जिसमें खाना खाने की आदतें भी शामिल होती हैं। दोनों मिलकर टीवी देखते हुए या किसी कार्यक्रम में भाग लेते हुए अधिक खाने की संभावना बढ़ जाती है।
व्यायाम में कमी: शादी के शुरुआती दिनों में जोश और खुशियों के कारण लोग फिटनेस पर ध्यान नहीं देते हैं। व्यस्तता और नई जिम्मेदारियों के चलते व्यायाम, योग या जिम जाने का समय नहीं मिल पाता है।
इस अध्ययन में 20 से 70 साल के 17,000 विवाहित जोड़ों पर शोध किया गया। इसमें पाया गया कि शादीशुदा पुरुषों का पेट अविवाहितों की तुलना में तीन गुना बड़ा होता है। महिलाओं में भी यह स्थिति लगभग दोगुनी होती है।
उपाय और सुझाव
संतुलित आहार: शादी के बाद महिलाओं को अपने आहार पर ध्यान देना चाहिए। फास्ट फूड और जंक फूड से बचकर हेल्दी डाइट अपनानी चाहिए।
व्यायाम की आदत: दैनिक व्यायाम, योग और अन्य फिटनेस एक्टिविटीज को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए।
समय प्रबंधन: शादी के बाद भी अपने व्यक्तिगत समय को प्रबंधित करना आवश्यक है, ताकि फिटनेस और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जा सके।
निष्कर्ष
शादी के बाद महिलाओं की कमर का फैलना और वजन बढ़ना आम बात है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सही आहार और नियमित व्यायाम से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है। अपनी सेहत को प्राथमिकता देना हमेशा आवश्यक होता है, ताकि एक खुशहाल जीवन जीया जा सके।